युवक का सवाल

मन करता है कि घर छोड़कर बाबा जी बन जाऊं।"

महाराज जी का उत्तर:

गृहस्थ जीवन में रहकर भी भक्ति संभव है। मन को स्थिर करें और हर कार्य में ईश्वर का स्मरण करें।

गृहस्थ जीवन में भक्ति क्यों?

– बाबा जी बनना आज के समय में चुनौतीपूर्ण।

परिवार में भगवान को देखें।

कर्तव्यों का पालन करते हुए आत्मिक शांति पाएं।

गृहस्थ धर्म में भक्ति सरल और सुरक्षित है।

"बाबा जी बनने से पहले, परिवार में सेवा और भक्ति का मार्ग अपनाएं। यही सच्चा धर्म है।"