ekantik vartalap premanand ji maharaj today:एकांतक वार्तालाप में एक युवक ने अपने जीवन का सवाल prema nand mahraj जी के सामने रखा कि उसने जीवन में चोरी नहीं की लेकिन चोरी करने वालों का साथ दिया है क्या उसे कारण उसे चोरी का पाप का कर्म उसे भुगतना पड़ेगा
युवक ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वह कंपनी में काम काम करता था और उसके ऊपर जो एक ठेकेदार था वह चोरियां करता था लेकिन वह वहां पर काम करने से कारण और नौकरी बचाने उसे ठेकेदार के कहने पर चोरी करता था।
युवक के सवाल पर prema nand mahraj ने पूरे स्पष्ट से कहा कि हर एक पुण्य काम का जिस प्रकार अच्छा फल होता है उसी प्रकार बुरे कर्म का भी बुरा ही फल इंसान को प्राप्त होता है।
गांव में है जब कई लोग जुआ खेलते हैं और साथ में जब जुआ देखने वाले लोग तो जुआ नहीं खेलते हो सिर्फ देखने का काम करते हैं लेकिन जब पुलिस की रेट पड़ती है तो देखने वालों को भी डंडे पड़ते हैं तो उसी प्रकार अगर हम चोरी नहीं करते लेकिन चोरी करने का साथ भी देते हैं तो वह बुरे कर्म में ही आता है।
अपने परिवार को पालने के लिए धन के अधिक लाभ के कारण इंसान कहीं बार बुरे कर्म अपनाता है लेकिन इंसानों को सच्चाई के रास्ते पर काम करना चाहिए,क्यू की नमक रोटी क्यों ना परिवार को देनी पड़े लेकिन आने वाले समय उसे इंसान की अच्छी गति प्राप्त हो सकती है लेकिन अगर बुरे कर्म से धन कमाते हैं तो उसका बुरा असर आने वाले भविष्य में भी होता है।
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
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