नकारात्मक विचारों से कैसे बचें? श्री प्रेमानंद महाराज जी का अमूल्य उपदेश

हमारे मन में कई बार नकारात्मक विचार आते हैं जो हमें गलत कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। एक व्यक्ति ने श्री प्रेमानंद महाराज जी से पूछा, “महाराज जी, नकारात्मक विचार मुझे पाप करवा देते हैं। मैं इन विचारों को कैसे दूर करूं?”

श्री प्रेमानंद महाराज जी का उत्तर:

महाराज जी ने समझाया कि हमारे भीतर दो प्रकार की बुद्धि होती है – कुमति (नकारात्मक बुद्धि) और सुमति (सकारात्मक बुद्धि)। जब कुमति प्रबल होती है, तो असत विचार उत्पन्न होते हैं और हमारी सोच नकारात्मक दिशा में बढ़ने लगती है।

नकारात्मक विचारों से बचने के उपाय:

  1. भोजन की शुद्धता:
    • जैसा अन्न खाओगे, वैसा मन बनेगा।
    • अशुद्ध और तामसिक भोजन से नकारात्मकता बढ़ती है।
    • सात्विक और शुद्ध भोजन अपनाने से मन शांत और सकारात्मक होता है।
  2. नशा छोड़ें:
    • नशा बुद्धि को भ्रष्ट करता है और पतन की ओर ले जाता है।
    • शराब, सिगरेट, गुटखा जैसी चीजें जीवन को नष्ट करती हैं।
    • बिना नशे के भी जीवन जिया जा सकता है। लाखों लोग बिना नशे के सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
  3. सत्संग और शास्त्र स्वाध्याय करें:
    • धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।
    • सत्संग सुनने से मन की शुद्धि होती है।
    • भगवद गीता, रामायण, भागवत पुराण आदि का नियमित अध्ययन करें।
  4. नाम जप और ध्यान करें:
    • भगवान का नाम जपने से मन शांत रहता है।
    • ‘राधा नाम’ का ध्यान करने से तनाव मुक्त हुआ जा सकता है।
    • नियमित रूप से प्रार्थना और ध्यान करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
  5. संगति का प्रभाव:
    • बुरी संगति से बचें क्योंकि यह हमारे विचारों को प्रभावित करती है।
    • अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ रहें।
    • महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लें।

शराब और नकारात्मकता का संबंध:

महाराज जी ने कहा कि शराब पीने से व्यक्ति अपनी सुध-बुध खो बैठता है। यह शरीर के लिए हानिकारक होती है और धर्म का नाश करती है। शराब पीकर कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक या लौकिक उन्नति नहीं कर सकता। ज्यादा पीने पर इंसान सड़क पर गिर सकता है, नाली में पड़ा रह सकता है, और उसे यह भी नहीं पता होता कि वह कहां है। इसलिए, अगर सही मार्ग पर चलना है तो शराब और अन्य नशे को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

तनाव मुक्त होने का सही तरीका:

यदि कोई तनाव मुक्त होना चाहता है, तो उसे नशे की बजाय भगवान का ध्यान करना चाहिए। राधा नाम का ध्यान करने से व्यक्ति सच्चे आनंद की अनुभूति कर सकता है। यह न सिर्फ मन को शांति देता है बल्कि जीवन को भी सुखद बनाता है।

निष्कर्ष:

यदि हम वास्तव में अपने जीवन को सकारात्मक और सफल बनाना चाहते हैं, तो हमें महाराज जी के बताए मार्ग पर चलना चाहिए।

✅ शुद्ध भोजन करें
✅ नशे से दूर रहें
✅ सत्संग और शास्त्र स्वाध्याय करें
✅ नाम जप और ध्यान करें
✅ अच्छी संगति अपनाएं

इन उपायों को अपनाने से नकारात्मक विचार दूर होंगे और जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण बनेगा।

“जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों को छोड़कर सत्संग, स्वाध्याय और भक्ति में लीन होता है, वही सच्चे सुख और शांति को प्राप्त करता है।” – श्री प्रेमानंद महाराज जी

डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..

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