देवांग त्रिपाठी नामक एक व्यक्ति ने भजन मार्ग एकांतिक वार्तालाप के माध्यम से श्री गुरुवर्य premanand maharaj ji से अपनी बात कही कि आजकल समाज में टेक्नोलॉजी के तहत इंसान से कहीं सारे पाप हो रहे हैं, जिस कारण अकाल मृत्यु हो जाती है तो क्या यही कारण है कि आजकल अकाल मृत्यु ज्यादा हो रही है।
व्यक्ति के सवाल के जवाब देते हुए श्री गुरुवर्य premanand maharaj ji ने कहा कि किसी व्यक्ति के जब अधम पाप होते हैं, तो उसके कर्म बिगड़ जाते हैं, फिर उसको अकाल मृत्यु मिल जाती है, तो अगर हम अधम पाप की बात करें तो गर्भ हत्या,भ्रूण हत्या, स्त्री की हत्या,सोते हुए किसी व्यक्ति की हत्या यह सारे अधम पाप माने जाते हैं जिस भी व्यक्ति के अगर यह पाप बनते हैं तो वह अकाल मृत्यु का कारण होता है।
किसी भी व्यक्ति के जन्म से पहले उसकी मृत्यु तय होती है, लेकिन अगर कोई भी मनुष्य अपने जीवन में अधम पाप होते हैं तो वह अकाल मृत्यु का कारण होता है जन्म से पहले अगर उसकी मौत 80 वर्ष की तय की गई है लेकिन उसने जीवन में अधम पाप किए हैं, तो उसकी 80 साल पहले ही मौत होती है।
premanand maharaj ji कहते अगर मनुष्य के जीवन में अधम पाप बनते हैं और उसे इंसान को उसका पश्चाताप होता है और उसके बाद वह ईश्वर को पूरी तरह से समर्पित होकर आने वाले जीवन में अधम पाप छोड़ देता है तो ईश्वर उसके सारे पाप ईश्वर नष्ट कर देते हैं,लेकिन इसके लिए पुरी तरह से समर्पित होना अधिक जरूरी है।
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
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