एकांतिक वार्तालाप में महाराष्ट्र से आई विमल नाम की महिला ने गुरुदेव भगवान shri premanand maharaj ji को महाराज जी से पूछा कि शरीर में बन रहे हैं कष्ट और बीमारी के कारण उनका प्रभु के प्रति नाम जप में मन नहीं लगता तो नाम जप को प्रबल बनाने के लिए क्या करे।
एकांतिक वार्तालाप में महाराष्ट्र से आई विमल नाम की महिला ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहां की उनके पिछले 20 साल से शरीर के 6 से 7 ऑपरेशन हुए हैं जिनके कारण शरीर में कष्ट बहुत होता है जिनके कारण नाम जप में बाधा पैदा होती है और मन का ध्यान शरीर में लग जाता है।
महिला के प्रश्नों पर premanand maharaj ji ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आपकी एकाग्रता की कमी है और भक्त प्रहलाद भी ने भी कहा है जब इंसान का शरीर बूढ़ा हो जाता है, तो उसका जो ध्यान होता है, वह शरीर पर चला जाता है इसलिए बुढ़ापा आने से पहले ही आपको नाम जप या भक्ति में मन लगाना चाहिए।
इंसान के शरीर में बंद रहे कष्ट और रोग का कारण उसके बुरे कर्मों होते हैं लेकिन फिर भी उसको सहन करके अगर इंसान नाम जप और भक्ति में ध्यान लगता है तो उसका आने वाला भविष्य पावन होता है।
premanand maharaj ji ने कहा कि यह पूरा संसार मृत्यु लोक है यहां हर इंसान के पास कोई ना कोई समस्या या कष्ट होते ही हैं किसी भी इंसान को पूछा जाए को बचपन से लेकर अब तक उसने कभी भी कष्ट सहा नहीं होगा ऐसा कोई भी इंसान इस संसार में नहीं मिलेगा।
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
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