कभी-कभी मन बहुत भारी हो जाता है। लगता है कि इस दुनिया में कोई अपना नहीं, सब दूर होते जा रहे हैं। ऐसे ही एक दिन किसी ने श्री प्रेमानंद महाराज जी से पूछा:
“महाराज जी, आप कहते हो कि जब भगवान कृपा करते हैं तो वो हमें दुनिया से दूर कर देते हैं। लेकिन जब कोई सबसे दूर हो जाता है, तब वो अकेला नहीं महसूस करता क्या?”
महाराज जी ने मुस्कराते हुए कहा:
“अकेलापन एक धोखा है, बेटा। सच्चाई ये है कि हर इंसान अकेला ही है — चाहे वो घर में हो या भीड़ में।”
रिश्ते हैं, लेकिन स्थायी नहीं
“पति-पत्नी, बच्चे, परिवार — ये सब रिश्ते शरीर के हैं, आत्मा के नहीं। और शरीर तो नश्वर है। कौन कब तक साथ रहेगा, किसे पता? जो हमेशा साथ है, वो तो एक ही है — भगवान। वही सच्चे साथी हैं, जिनका साथ कभी छूटता नहीं।”
जो भक्ति में डूबा है, वो अकेला नहीं
“सच्चा संत अकेलापन महसूस नहीं करता। वो तो चाहता है कि थोड़ा अकेला रहूं, ताकि भगवान की याद में खोया रहूं। क्योंकि जब मन संसार से हटकर प्रभु में लगता है, तब अकेलापन आनंद में बदल जाता है।”
अमरीश जी का उदाहरण
महाराज जी ने बताया कि भगवान अमरीश जी पर कितने कृपालु थे। उनके पास सब कुछ था — राज-पाट, वैभव — लेकिन उनमें कोई घमंड नहीं था। इसलिए भगवान ने उनसे कुछ नहीं छीना।
“पर जिनमें अहंकार होता है, भगवान सबसे पहले उनका घमंड तोड़ते हैं — चाहे धन से, चाहे रिश्तों से। जब सब छिन जाता है, तब इंसान समझता है कि असली सहारा सिर्फ एक है — भगवान।”
भजन ही अकेलेपन की दवा है
“जिसके जीवन में भजन नहीं है, वो खुद को अकेला ही पाएगा। लेकिन जिसको भगवान का प्रेम मिल गया, वो चाहे किसी पहाड़ की गुफा में हो — फिर भी आनंद में रहता है।”
“भगवत प्रेम मिल जाए, तो अकेलापन खुद ही चला जाता है। फिर तो मन बस हर पल उसी की याद में भीगा रहता है।”
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
ये भी जरूर पढ़े…
श्री प्रेमानंद महाराज: मन करता है कि घर छोड़कर बाबा जी बन जाऊं
मैं अथीथ नहीं भूल पाती..महिला के इस सवाल पर महाराज का जवाब
गंदी बातों से बच्चों को कैसे बचाएं महाराज जी की उच्चतम सलाह
श्री प्रेमानंद महाराज:मृत्यु भय हर समय जीवन में लगा रहता है?
माता-पिता को नशे में पीटना यह गलत आदतें अब छूट गई है,लेकिन आगे यह गलतियां ना हो इसके लिए क्या करें।