फरीदाबाद से आया एक व्यक्ति ने एकांतिक वार्तालाप में गुरुदेव भगवान प्रेमानंद महाराज जी से एक संवाद किया कि मुझे जीवन में मृत्यु का भय हमेशा सताता रहता है उसका जीवन में बहुत परेशान हो चुका हु।
उसे व्यक्ति के सवाल पर महाराज जी ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि विश्व में मृत्यु हर एक इंसान को इसका डर लगा रहता है, इससे वही लोग बच पाते हैं जो इंसान ईश्वर का हर रोज नाम लेते हैं भजन करते हैं वही लोग इस मृत्यु के भय से बच जाते हैं नहीं तो हर एक व्यक्ति के लिए मृत्यु का भय हमेशा लगा ही रहता है।
shri hit premanand Maharaj: महाराज जी आगे कहते हैं कि इंसान को मृत्यु का भय इसलिए लगा रहता है कि वह शरीर को पूर्ण रूप से मान लेता है और उसके जो सुख है उन्हीं को सब कुछ मान लेता है और उसे बाहर निकलना नहीं चाहता क्योंकि शरीर तो एक प्रकार के कपड़े जैसी है जो हर जीवन में बदलता रहता है लेकिन इसके अज्ञान के कारण इंसान को अधिक भय लगता है।
अगर कोई भी इंसान मृत्यु के भय को नष्ट करना चाहता है तो उसे भजन मार्ग में ईश्वर का नाम जप करना चाहिए जिसका कारण उसकी मृत्यु भय है पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा और मृत्यु उसे एक महोत्सव की तरह लगने लगेगा।
किसी भी इंसान को जब इंसान रूपी शरीर प्राप्त होता है तो उसे भगवान को प्राप्त करने का एक सुनहरा मौका रहता है लेकिन और किसी भी योनि में इंसान को ईश्वर की प्राप्ति करना बेहद कठिन और नाकामयाब चीज होती है, इंसान ही ऐसा एक जीवन है जिससे वह ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
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