क्या आप जानना चाहते हैं कि 8 करोड़ हरिनाम जप करना कैसे संभव है?
श्री प्रेमानंद जी महाराज की यह पावन शिक्षा बताती है कि कैसे एक सामान्य साधक भी इस अलौकिक लक्ष्य को अपनी दिनचर्या में साध सकता है।
🧘♂️ 8 करोड़ नाम जप क्यों ज़रूरी है?
कलियुग में सबसे सुलभ और प्रभावी साधना है – हरिनाम संकीर्तन।
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं:
“कलियुग में तीर्थ, यज्ञ, तप कठिन है, लेकिन नाम लेना सबसे सरल और सबसे फलदायक है।“
8 करोड़ बार ईश्वर का नाम लेना यानी — जीवन को ही तप बना देना।
🔢 कैसे करें 8 करोड़ नाम जप? आसान गणना देखें:
👉 एक माला में होते हैं – 108 नाम
👉 अगर आप रोज़ 27 माला जपें तो:
- 108 × 27 = 2916 नाम प्रतिदिन
👉 1 साल में:
- 2916 × 365 = 10,63,340 नाम
👉 यानी 8 साल में:
- 10,63,340 × 8 = 85,06,720 नाम
📌 बस 8 साल की श्रद्धापूर्वक साधना से आप 8 करोड़ नाम जप पूरा कर सकते हैं।
🔔 नाम जप करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
✅ समय: ब्रह्म मुहूर्त सबसे शुभ होता है
✅ स्थान: शांत, पवित्र जगह चुनें
✅ भाव: ह्रदय से “राधे राधे” या “श्रीकृष्ण शरणं मम” का जप करें
✅ एकाग्रता: मन भटके तो पुनः नाम में लगाएं
✅ संकल्प: हर दिन एक निर्धारित संख्या तय करें
🌟 क्या मिलेगा 8 करोड़ नाम जप से?
- 📿 जन्म-जन्म का पाप कटेगा
- 📿 परम शांति का अनुभव होगा
- 📿 जीवन में ईश्वरीय कृपा का संचार होगा
- 📿 आत्मा में स्थायी आनन्द की अनुभूति होगी
- 📿 प्रभु साक्षात्कार के द्वार खुलेंगे
📖 प्रेमानंद जी महाराज की अमूल्य वाणी:
“नाम ही असली पूंजी है। जो नाम जपता है, वही भवसागर पार करता है।”
🔚 निष्कर्ष:
8 करोड़ नाम जप कोई कठिन तप नहीं, बल्कि नित्य भक्ति का सरल साधन है।
श्री प्रेमानंद जी महाराज हमें दिखाते हैं कि हर सांस में नाम हो सकता है —
बस नियत, नियम और निष्ठा चाहिए।
🙏 आज से ही शुरुआत करें – “राधे राधे” के नाम से अपने जीवन को सफल बनाएं।
डिस्क्लइमर [ disclaimer ] श्री पूज्य गुरुवर्य प्रेमानंद जी महाराज जी विश्व के मानवता कल्याण के लिए पर्वत इतने बढ़े ज्ञान का अमृत दे रहे है.. वेबसाइट की माध्यम से वही ज्ञान प्रसार लोगों को देना का काम एक चींटी की भाती प्रयास कर रहा हूं.. श्री गुरुवर्य महाराज के ज्ञान प्रसार के लिए बल प्रदान करे..राधे..राधे..
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